सरकार ने किसानों के हित में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और तकनीकी विधियों का उपयोग कर कृषि क्षेत्र की विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए अनेक पहल शुरू की हैं। ये पहल किसानों की उत्पादकता बढ़ाने और उन्हें बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने पर केंद्रित हैं।
महत्वपूर्ण एआई आधारित पहलें:
- किसान ई-मित्र:
- यह एआई-संचालित चैटबॉट है, जो किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करता है।
- यह विभिन्न भाषाओं में समाधान प्रदान करता है और अन्य सेवाओं के लिए विकसित किया जा रहा है।
- राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली:
- यह प्रणाली एआई और मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग करके फसलों की समस्याओं और कीटों का पता लगाती है।
- इसका उद्देश्य फसलों को जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान को कम करना और समय पर समाधान प्रदान करना है।
- फसल स्वास्थ्य आकलन और निगरानी:
- चावल और गेहूं की फसल के लिए सैटेलाइट, मौसम डेटा, और मिट्टी की नमी के साथ फील्ड फोटो का उपयोग करते हुए एआई आधारित विश्लेषण किया जा रहा है।
- इससे फसल की सेहत का सटीक आकलन और सुधार संभव है।
सूक्ष्म सिंचाई योजनाएं:
- प्रति बूंद अधिक फसल (पीडीएमसी):
- यह केंद्र प्रायोजित योजना 2015-16 से लागू है।
- ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली के माध्यम से खेतों में जल उपयोग दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करती है।
- इसके लाभ:
- पानी की बचत।
- उर्वरक और श्रम लागत में कमी।
- किसानों की आय में वृद्धि।
- सरकार छोटे और सीमांत किसानों को 55% और अन्य किसानों को 45% वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- आईओटी आधारित सिंचाई प्रणाली:
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने यह प्रणाली विकसित की है और इसका चयनित फसलों पर परीक्षण किया है।
कृषि मंत्री का वक्तव्य:
कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री राम नाथ ठाकुर ने लोकसभा में दिए लिखित उत्तर में बताया कि ये योजनाएं और तकनीकी पहलें किसानों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने और कृषि क्षेत्र में स्थायित्व लाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष:
एआई और नवीन तकनीकों का उपयोग कृषि में दक्षता, उत्पादकता और स्थिरता बढ़ाने के लिए एक प्रभावी उपाय है। ये पहलें किसानों की समृद्धि और देश के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।