राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति 2022 का उद्देश्य लॉजिस्टिक क्षेत्र के समग्र विकास, डिजिटलीकरण, मानकीकरण, और दक्षता में सुधार करना है। इसके तहत कई पहल और सुधार किए गए हैं, जो निम्नलिखित हैं:
महत्वपूर्ण पहलें और उपलब्धियां:
- कोयला क्षेत्र में कुशल लॉजिस्टिक (एसपीईएल):
- क्षेत्रीय योजना अधिसूचित कर कोयला क्षेत्र में लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाने के प्रयास किए गए।
- राज्यों की भागीदारी:
- 26 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी लॉजिस्टिक नीतियों को अधिसूचित किया।
- इन नीतियों का विवरण डीपीआईआईटी वेबसाइट पर उपलब्ध है।
- अंतर-मंत्रालयी सेवा सुधार समूह (एसआईजी):
- 14 मार्च 2023 को स्थापित यह समूह लॉजिस्टिक क्षेत्र के मुद्दों को हल करने और व्यापार संघों के साथ तालमेल स्थापित करने पर केंद्रित है।
- ईज ऑफ लॉजिस्टिक इंडेक्स:
- 16 दिसंबर 2023 को पांचवां एलईएडीएस 2023 (Logistics Ease Across Different States) लॉन्च किया गया।
- डिजिटलीकरण प्रयास:
- यूनिफाइड लॉजिस्टिक इंटरफेस प्लेटफॉर्म (ULIP):
- यह 11 मंत्रालयों की 39 प्रणालियों से जुड़ा है और 125 एपीआई के माध्यम से 1,800 से अधिक डेटा फील्ड तक पहुंच प्रदान करता है।
- लॉजिस्टिक डेटा बैंक (LDB):
- आरएफआईडी तकनीक का उपयोग कर ईएक्सआईएम कंटेनर मूवमेंट की रीयल-टाइम ट्रैकिंग सुनिश्चित की गई।
- यूनिफाइड लॉजिस्टिक इंटरफेस प्लेटफॉर्म (ULIP):
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और ट्रेनिंग:
- गति शक्ति विश्वविद्यालय के साथ लॉजिस्टिक पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
- भोपाल स्थित एसपीए में सिटी लॉजिस्टिक के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की स्थापना की गई।
- कौशल विकास के तहत 37 योग्यता पैक (क्यूपी) तैयार किए गए।
- पर्यावरणीय स्थिरता:
- फ्रेट ग्रीनहाउस गैस कैलकुलेटर:
- यह विभिन्न परिवहन तरीकों के लिए ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन की गणना और तुलना करता है।
- भारतीय रेलवे ने रेल ग्रीन पॉइंट की अवधारणा शुरू की, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी की जानकारी दी जा सके।
- फ्रेट ग्रीनहाउस गैस कैलकुलेटर:
मुख्य उपलब्धियां:
- विश्व बैंक लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI):
- भारत 2023 में 54वें स्थान से बढ़कर 38वें स्थान पर पहुंचा।
- सॉफ्ट और हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश और आपूर्ति श्रृंखला के डिजिटलीकरण के लिए भारत की सराहना की गई।
- रेल और सड़कों में सुधार:
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल, और मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क विकसित किए गए।
- एयर कार्गो और वेयरहाउसिंग मानकों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति 2022 ने लॉजिस्टिक लागत को कम करने, पारगमन समय सुधारने, और आपूर्ति श्रृंखला दक्षता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। डिजिटलीकरण और इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारों के जरिए भारत की वैश्विक रैंकिंग में सुधार हुआ है, जो भविष्य में लॉजिस्टिक क्षेत्र के लिए नए अवसर प्रदान करेगा।