तिथि: 09 दिसंबर, 2024
स्थान: नई दिल्ली, भारतीय तटरक्षक बल मुख्यालय
भारत और फिलीपीन के तटरक्षक बलों के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई। यह बैठक समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत दोनों तटरक्षक बलों के बीच सहयोग के तंत्र के हिस्से के रूप में आयोजित की गई। बैठक में समुद्री खोज और बचाव (SAR), समुद्री कानून प्रवर्तन, समुद्री प्रदूषण नियंत्रण और क्षमता निर्माण जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई।
बैठक के प्रमुख बिंदु:
- समुद्री खोज और बचाव (SAR):
- दोनों देशों के तटरक्षक बलों ने संयुक्त SAR परिचालन गतिविधियों को बढ़ावा देने के तरीके पर चर्चा की।
- त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए संसाधनों और विशेषज्ञता का साझा उपयोग करने पर जोर दिया गया।
- समुद्री कानून प्रवर्तन:
- समुद्र में होने वाले अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराधों जैसे तस्करी, मानव तस्करी और अवैध मछली पकड़ने से निपटने पर विचार-विमर्श किया गया।
- समुद्री कानून प्रवर्तन में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की गई।
- समुद्री प्रदूषण:
- समुद्री प्रदूषण से निपटने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- पर्यावरणीय खतरों से प्रभावी रूप से निपटने के लिए प्रशिक्षण और संसाधन-साझाकरण के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
- क्षमता विस्तार:
- दोनों तटरक्षक बलों ने अपनी परिचालन क्षमताओं और अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए ज्ञान साझा करने, संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर चर्चा की।
पीसीजी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा:
पीसीजी का उच्च स्तरीय चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 08-12 दिसंबर, 2024 तक भारत में आधिकारिक यात्रा पर है। इस यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत भारतीय स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमताओं को देखने के लिए रक्षा उत्पादन विभाग के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगा।
समझौता ज्ञापन और द्विपक्षीय सहयोग:
- समझौता ज्ञापन (MoU) को अगस्त 2023 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित किया गया था, जिसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त समुद्री वातावरण सुनिश्चित करना है।
- यह बैठक दोनों देशों के तटरक्षक बलों के बीच साझा दृष्टिकोण को और मजबूत करेगी, जिससे समुद्री चुनौतियों से निपटने में सहयोग बढ़ेगा और क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान मिलेगा।
यह द्विपक्षीय बैठक दोनों तटरक्षक बलों के बीच सहयोग को और गहरा करेगी, जो समुद्र से संबंधित समस्याओं का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।