नया पदार्थ और उसकी विशेषताएँ:
शोधकर्ताओं ने एक उन्नत फेरेक्रिस्टल पदार्थ विकसित किया है, जो मिसफिट परतदार यौगिकों का एक विशिष्ट वर्ग है। इस पदार्थ में मुड़ी हुई परतें डाली गई हैं, जो अपशिष्ट ऊष्मा को ऊर्जा में कुशलता से परिवर्तित करने की क्षमता रखती हैं।
- थर्मोइलेक्ट्रिक फिगर ऑफ मेरिट (ZT) इस पदार्थ में 2.3 के असाधारण स्तर पर पहुंचा है।
- यह पदार्थ ऊष्मा अवरोधक के रूप में काम करते हुए अपशिष्ट ऊष्मा को बिजली में बदलने के लिए थर्मोइलेक्ट्रिक ऊर्जा रूपांतरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है।
थर्मोइलेक्ट्रिक ऊर्जा रूपांतरण का महत्व:
यह तकनीक विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं जैसे रासायनिक संयंत्र, थर्मल संयंत्र, स्टील प्लांट, पेट्रोलियम रिफाइनरी, और वाहनों के निकास से उत्पन्न अपशिष्ट ऊष्मा को बिजली में बदल सकती है।
फेरेक्रिस्टल और 2डी सुपरलैटिस सामग्री
- 2डी सुपरलैटिस सामग्री:
- परमाणु स्तर पर बनाई गई दो या अधिक अलग-अलग संरचनाओं की वैकल्पिक परतों से बनी होती है।
- ये अद्वितीय इलेक्ट्रॉनिक गुणों को प्रदर्शित करती हैं।
- मिसफिट लेयर्ड कम्पाउंड्स (एमएलसी):
- 2डी प्राकृतिक सुपरलैटिस संरचनाएं, जिनमें स्वतंत्र परतें आवधिक रूप से संरेखित नहीं होती हैं।
- परतों के बीच “मिसफिट” होने के कारण ऊष्मा परिवहन बाधित होता है।
- फेरेक्रिस्टल:
- एमएलसी का एक विशेष वर्ग, जिसमें घूर्णन विकार (रोटेशनल डिसऑर्डर) ऊष्मा अवरोधक के रूप में कार्य करता है।
- यह थर्मोइलेक्ट्रिक ऊर्जा रूपांतरण के लिए अत्यंत उपयोगी है।
जेएनसीएएसआर बेंगलुरु द्वारा शोध:
प्रोफेसर कनिष्क बिस्वास और उनकी टीम ने फेरेक्रिस्टलाइन इंटरग्रोथ को ठोस अवस्था मैट्रिक्स में समाहित करने में सफलता प्राप्त की।
- नैनोस्ट्रक्चर के रूप में एसएनएसई-टीएएसई2 फेरेक्रिस्टल को स्थिर किया गया।
- यह पदार्थ जबरदस्त ऊष्मा अवरोधकों के रूप में कार्य करता है।
प्रमुख तकनीकी उपलब्धियाँ:
- एचआरटीईएम और एचएएडीएफ़-एसटीईएम विश्लेषण:
- उच्च-रिज़ॉल्यूशन ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी और हाई-एंगल एनुलर डार्क-फील्ड स्कैनिंग द्वारा फेरेक्रिस्टलाइन संरचना का सटीक निरीक्षण किया गया।
- यह दिखाया गया कि एसएनएसई के प्रत्येक 7 बाईलेयर के बाद टीएएसई2 परतें मौजूद थीं।
- घूर्णी विकार:
- फेरेक्रिस्टल में घूर्णी विकार (रोटेशनल डिसऑर्डर) के कारण ऊष्मा प्रवाह को अवरुद्ध किया गया।
भविष्य की संभावनाएँ:
- यह शोध थर्मोइलेक्ट्रिक प्रौद्योगिकी में नई दिशा प्रदान करेगा।
- अपशिष्ट ऊष्मा को बिजली में बदलने में दक्षता बढ़ाने के लिए यह तकनीक उद्योगों में क्रांति ला सकती है।
इस शोध ने फेरेक्रिस्टल पदार्थ के उपयोग से थर्मोइलेक्ट्रिक ऊर्जा रूपांतरण में नई संभावनाएँ खोली हैं। यह खोज औद्योगिक प्रक्रियाओं से उत्पन्न अपशिष्ट ऊष्मा का उपयोग करने और ऊर्जा दक्षता में सुधार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।