Friday, August 22, 2025
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डॉ. जितेंद्र सिंह ने “अमृत ज्ञान कोष” पोर्टल और कार्यशाला का उद्घाटन किया

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज शासन प्रशिक्षण को मजबूत करने के लिए “अमृत ज्ञान कोष” पोर्टल लॉन्च किया।

इसके साथ ही, मंत्री ने स्टैनफोर्ड लीडरशिप एकेडमी फॉर डेवलपमेंट और एशियाई विकास बैंक के साथ साझेदारी में आयोजित “उन्नत केस लेखन और शिक्षण कार्यशाला” का भी उद्घाटन किया। यह कार्यशाला भारत में लोक प्रशासकों के लिए शासन प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण को मजबूत करने की एक ऐतिहासिक पहल है।

मंत्री का उद्घाटन भाषण:

अपने आरंभिक वक्तव्य में डॉ. जितेंद्र सिंह ने शासन प्रशिक्षण में सिद्धांत और व्यवहार के बीच की खाई को पाटने में केस स्टडी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने केंद्रीय और राज्य प्रशिक्षण संस्थानों के संकाय सदस्यों की सराहना की, जो भविष्य के लोक प्रशासकों को आकार देने में समर्पित हैं। मंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस कार्यशाला के परिणामों से केस लेखन और शिक्षण पद्धतियों में उन्नत कौशल के साथ शिक्षकों को सशक्त बनाया जाएगा।

अमृत ज्ञान कोष पोर्टल:

मंत्री ने अमृत ज्ञान कोष के लिए समर्पित पोर्टल के शुभारंभ की घोषणा की। यह पोर्टल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की समावेशिता और सुगमता के दृष्टिकोण को दर्शाता है और इसमें 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में से 15 के साथ संरेखित सामग्री शामिल है। इस संग्रह में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और डिजिटल शासन जैसे विविध नीति विषयों पर केस स्टडी, शिक्षण नोट्स और हिंदी तथा ब्रेल संस्करण शामिल हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रतिभागियों से इस संसाधन का लाभ उठाने और नए केस स्टडीज़ का योगदान देने का आग्रह किया, ताकि यह संग्रह और समृद्ध हो सके।

कार्यशाला की विशेषताएँ:

इस कार्यशाला में शासन प्रशिक्षण में केस-आधारित दृष्टिकोणों के महत्व पर जोर दिया गया। प्रतिभागियों ने संरचित केस स्टडी बनाने, अपनी शिक्षण विधियों को बेहतर बनाने और अमृत ज्ञान कोष में नई सामग्री का योगदान करने के तरीके सीखे। सत्र का समापन प्रकाशन योग्य केस स्टडी के निर्माण में हुआ, जो वास्तविक दुनिया की प्रशासनिक चुनौतियों को संबोधित करते हैं।

चयन प्रक्रिया और प्रशिक्षण:

मंत्री ने 300 से अधिक नामांकनों में से 60 शीर्ष संकाय सदस्यों की पहचान की और कहा कि यह दो-समूह कार्यशाला एक गहन प्रशिक्षण चरण की शुरुआत है, जो आइजीओटी प्लेटफ़ॉर्म पर सामूहिक ज्ञान आधार में योगदान देगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अमृत ज्ञान कोष के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक संग्रह नहीं है, बल्कि शासन प्रशिक्षण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने का एक मंच है, जो संकाय को भारत की प्रशासनिक चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम बनाएगा।

समापन भाषण:

अपने समापन भाषण में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कार्यशाला के आयोजन में क्षमता निर्माण आयोग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पहल भारत की क्षमता निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने और लोक प्रशासकों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने इसे “भारत 2047” के मार्ग पर चलने के लिए समर्पित सामूहिक प्रतिबद्धता का उदाहरण बताया।

इस कार्यशाला का उद्देश्य शासन मानकों को सुधारना और लोक प्रशासन प्रशिक्षण की गुणवत्ता को पूरे भारत में बढ़ाना है।

इस कार्यक्रम में क्षमता निर्माण आयोग, कर्मयोगी भारत, एशियाई विकास बैंक, एशियाई विकास बैंक संस्थान और स्टैनफोर्ड लीडरशिप अकादमी फॉर डेवलपमेंट के प्रशिक्षकों ने भाग लिया।

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