Friday, August 22, 2025
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भारत इंटरनेट गवर्नेंस फ़ोरम (आईआईजीएफ) 2024 का उद्घाटन: डिजिटल समावेश और नवाचार का उत्सव

नई दिल्ली, भारत: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (एमईआईटीवाई) श्री जितिन प्रसाद ने भारत मंडपम में भारत इंटरनेट गवर्नेंस फ़ोरम (आईआईजीएफ) के चौथे संस्करण का उद्घाटन किया। इस फ़ोरम का उद्देश्य नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के प्रमुखों और नागरिक समाज को एक साथ लाकर इंटरनेट गवर्नेंस के भविष्य पर चर्चा करने का एक मंच प्रदान करना है। इस वर्ष का विषय “भारत के लिए इंटरनेट गवर्नन्स में नवाचार” था, जो टिकाऊ, समावेशी और न्यायसंगत विकास के लिए इंटरनेट के उपयोग में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मुख्य अतिथि और उद्घाटन समारोह:

उद्घाटन समारोह में कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें एमईआईटीवाई के सचिव श्री एस. कृष्णन, एमईआईटीवाई के संयुक्त सचिव श्री सुशील पाल, नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया के सीईओ डॉ. देवेश त्यागी, पब्लिक पॉलिसी मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष शिवनाथ ठुकराल, आईसीआरआईईआर वरिष्ठ विजिटिंग प्रोफेसर प्रो. रेखा जैन (ऑनलाइन प्रतिभागी), सीसीएओआई निदेशक सुश्री अमृता चौधरी और ज़ूपी संस्थापक और सीईओ श्री दिलशेर सिंह मल्ही शामिल थे।

मंत्री का उद्घाटन भाषण:

अपने उद्घाटन भाषण में श्री जितिन प्रसाद ने आईआईजीएफ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह मंच केवल चर्चा के लिए नहीं है, बल्कि कार्रवाई के लिए एक मजबूत आह्वान भी है। उन्होंने समानता, पारदर्शिता और स्थिरता के मूल्यों को ध्यान में रखते हुए डिजिटल नीतियों को आकार देने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

भारत की डिजिटल यात्रा:

श्री जितिन प्रसाद ने भारत की डिजिटल यात्रा को एक विश्व मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया, जो पिछले दशक में डिजिटल इंडिया पहल के तहत ऐतिहासिक उपलब्धियों के रूप में सामने आई है। उन्होंने बताया कि कैसे यूपीआई, आधार और भारत नेट परियोजना जैसे सफल कार्यक्रमों ने भारत को एक जीवंत डिजिटल अर्थव्यवस्था के रूप में उभारा है, जो नवाचार और समावेशिता के वैश्विक मानक स्थापित करता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कैसे सरकारी पहल ने डिजिटल विभाजन को कम किया है और ग्रामीण क्षेत्रों तक तकनीक पहुँचाई है, जिससे हर किसी के लिए अवसर सुलभ हुए हैं।

आज के समय में, भारत के 95 प्रतिशत गाँव 3G-4G कनेक्टिविटी से जुड़े हुए हैं, और देश का स्टार्टअप इकोसिस्टम 600 जिलों तक पहुँच चुका है, जिनमें से आधे जिलों का नेतृत्व महिलाएँ कर रही हैं।

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) का महत्व:

मंत्री ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया और सरकार के दृष्टिकोण को साझा किया कि भारत को एआई में एक वैश्विक प्रमुख बनाना है। इसके लिए सरकार ने AI मिशन के तहत 10,000 करोड़ रूपये का आवंटन किया है। मंत्री ने यह भी कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी और एक समृद्ध स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ एआई क्रांति के लिए तैयार है।

सतत और सुरक्षित डिजिटल भविष्य:

मंत्री ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास के साथ उत्पन्न होने वाली पर्यावरण और सुरक्षा चुनौतियों की चर्चा की। उन्होंने भारत के प्रयासों पर बल दिया, जिसमें कार्बन पदचिह्न को कम करने, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और हरित नवाचारों को प्रोत्साहित करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। साइबर सुरक्षा को भी प्रमुख रूप से संबोधित किया गया, जिसमें मजबूत बुनियादी ढांचा और वास्तविक समय के खतरे का पता लगाने वाली प्रणालियाँ शामिल हैं।

आईआईजीएफ के महत्वपूर्ण विषय:

फोरम ने निम्नलिखित पांच महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की:

  1. कनेक्शन को सशक्त बनाना: सभी समुदायों के लिए इंटरनेट एक्सेस में सुधार और डिजिटल अंतर को पाटना।
  2. कानूनी और नियामक ढाँचे: उपयोगकर्ता सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए विकास का समर्थन करने के लिए संतुलित नीतियों पर चर्चा करना।
  3. जिम्मेदार एआई: आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का उपयोग करने के नैतिक और निष्पक्ष तरीकों की खोज करना।
  4. हरित और दीर्घकालिक इंटरनेट का निर्माण: डिजिटल प्रथाओं को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए विचारों को साझा करना।
  5. भरोसा और सुरक्षा: साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने और ऑनलाइन उपयोगकर्ता विश्वास बनाने के लिए समाधान खोजना।

आईआईजीएफ 2024 ने एक मंच प्रदान किया, जहाँ डिजिटल नीति निर्माण, साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, और डिजिटल समावेशन जैसे विषयों पर गहरी चर्चा की गई। यह आयोजन न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक मार्गदर्शक बनकर उभरा है, जो सुरक्षित, समावेशी और स्थिर डिजिटल भविष्य की दिशा में कदम उठा रहा है।

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