उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को समर्थन देने और सशक्त बनाने के लिए फ्लिपकार्ट के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी फ्लिपकार्ट की 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की उद्यम निधि के माध्यम से स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्य उद्देश्य और विशेषताएँ
- स्टार्टअप का सशक्तिकरण:
- फ्लिपकार्ट लीप एंड वेंचर्स पहल के तहत उच्च विकास क्षमता वाले स्टार्टअप में निवेश।
- अब तक 20 स्टार्टअप में निवेश किया जा चुका है।
- नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करना।
- संसाधनों और समर्थन की उपलब्धता:
- सरकारी रिपोर्ट, शोध पत्र, डेटासेट और अध्ययन तक पहुंच प्रदान करना।
- फास्ट-ट्रैक पेटेंट आवेदनों के लिए स्टार्टअप को सुविधा देना।
- प्रोटोटाइप विकास और अंतरराष्ट्रीय विस्तार के लिए मार्गदर्शन।
- स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम का सहयोग:
- स्टार्टअप इंडिया के नेटवर्क और संसाधनों तक व्यापक पहुंच।
- नवाचार को प्रभावशाली समाधानों में बदलने का माहौल बनाना।
- वैश्विक स्तर पर भारत की नवाचार क्षमता को मजबूत करना।
प्रमुख वक्तव्य
- संजीव, संयुक्त सचिव, स्टार्टअप इंडिया:
- यह एमओयू स्टार्टअप को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा।
- भारत को वैश्विक नवाचार नेता बनाने के लिए स्टार्टअप इकोसिस्टम का विकास।
- रजनीश कुमार, मुख्य अधिकारी, फ्लिपकार्ट ग्रुप:
- यह समझौता स्टार्टअप को रणनीतिक समर्थन और वैश्विक संपर्क प्रदान करेगा।
- 100 मिलियन अमरीकी डॉलर की निधि के माध्यम से उद्यमियों के लिए नए अवसर खोले जाएंगे।
प्रभाव और भविष्य की दिशा
- आर्थिक विकास:
- भारत में प्रौद्योगिकी और व्यापार को नए आयाम देना।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय स्टार्टअप की पहचान बढ़ाना।
- सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र:
- नवाचार और उद्यमशीलता को गति देना।
- युवा अन्वेषकों और उद्यमियों के लिए अवसरों के द्वार खोलना।
यह साझेदारी भारत को एक सशक्त स्टार्टअप राष्ट्र बनाने और वैश्विक नवाचार मानचित्र पर उसकी स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम है।